Thursday, 8 December 2011

हम ला रहे हैं चतुर लोकपाल ..........दिव्येन्द्र कुमार

कराने मुँह बंद तुम्हारा,
हम ला रहे हैं टोकपाल,
उड़ाने देश का मखौल ,
हम ला रहे हैं ज़ोकपाल,
बहुत हो गया शोर शराबा,
हम ला रहे हैं रोकपाल,
ईमानदारी पर मारने तमाचा,
हम ला रहे हैं ठोकपाल ,
बिगाड़ने सच का चेहरा ,
हम ला रहे हैं नोकपाल,
मनाने लोकतंत्र का मातम ,
हम ला रहे हैं शोकपाल,
बुद्धू ठहरे तुम सब के सब,
हम ला रहे हैं चतुर लोकपाल
----दिव्येन्द्र कुमार

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