धरोहर

Saturday, 24 February 2024

'साहित्य' अलग है, 'भाषा' अलग है

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  भाषा में  होता है ज्ञान और... अपना ज्ञान भी  होता है भाषा का छोटे शब्दों में कहिए तो भाषा यानि ज्ञान भी न मौन है भाषा और न ही ज्ञान मौन है...
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Thursday, 22 February 2024

झूठ छलकाती गागर ..

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साजिशों का बाजार है सौदा करूं किसका  विधाता क्या  यही संसार है।। कांटो पर चलना  आसान है दोस्तों यहां फूलों से दर्द की  खुशबू आती  यही संसार ...
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Saturday, 19 June 2021

कोई कवि नहीं था,रावण के राज्य में

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कोई कवि नहीं था  रावण के राज्य में  भाषा थी  सिर्फ़ लंकाई जो रावण और  उसके क़रीबी दैत्य बोलते थे राम ! तुम्हारे नहीं रहने के बाद भी तुम हो स...
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Wednesday, 16 December 2020

रसहीन उत्सव

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बीत गई फीकी दीपावली उत्साहविहीन सुविधा विहीन यंत्रवत जीवन जिया  एक मशीन की तरह सुबह से शाम तक रात में भी सोने के पहले एक चिंतन कि कल की कल-क...
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Sunday, 25 October 2020

नारी की आकांक्षा

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एक स्त्री के लिए प्रेम से बढ़कर भी कुछ हो सकता है, तो वो है सम्मान या रिस्पेक्ट..। क्षणिक हो सकता है प्रेम ..पर सम्मान नहीं होता क्षणिक..वो क...
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Sunday, 10 May 2020

वक़्त की हर गाँठ पर ....मन की उपज

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वक़्त की हर गाँठ पर हँसते-मुस्कुराते जीने के लिए कुछ संज़ीदगी भी  जरुरी है। ये जो दौर है महामारी का वायरस के डंक से च़...
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Saturday, 7 March 2020

जिजीविषा ....मन की उपज

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स्त्रियों का हास्य बोध  और जिजीविषा गिन नहीं पाएँगे आप कितनों के निशाने पर रहती है स्त्री हारी नहीं फिर भी रहती है हरदम जूझती कभी ...
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