Wednesday, 7 March 2018

एक ख़त परमपिता परमेश्वर के नाम


हे परमपिता परमेश्वर
श्रद्धेय हृदय वंदन।

इस संसार की हम सभी महिलाएँ आपको धन्यवाद देना चाहती हैं कि आपने हमें अपनी सर्वश्रेष्ठ कृति और सबसे खूबसूरत करिश्में के रूप में धरती पर भेजा है। आपने हमें वो तमाम गुणों से अलंकृत किया , जो संसार में किसी और के पास नहीं।
आपने हमें प्यार, ममता, मासूमियत, सच्चाई, हिम्मत, हौसला, बुद्धिमत्ता, कार्यकुशलता...जैसे वो गुण दिए जो महिलाओं को ख़ास बनाते हैं, परिवार बनाने व जोड़े रखने का हुनर दिया....और सबसे बड़ा ओहदा "मां बनने का सौभाग्य" यहां धरती पर ऐसा कहा जाता है कि आप यदि ईश्वर के दर्शन करना चाहते हैं तो अपनी माँ को देख लें..ये आपका आशीर्वाद ही है, वरना इस धरती पर ऐसा सम्मान किसी और को हासिल नहीं है।
बस,  आपसे एक विनती है कि हमें ये शक्ति भी प्रदान करे कि हम महिलाएँ एक - दूसरे की ताकत बनें कमजोरी नहीं, हम एक-दूसरे का दर्द समझे और उससे उबरने कोशिश भी मिलकर करे, महिलाओं को लिए महिलाओं की ये कोशिश बहुत जरूरी है। बिखरी हुई महिला शक्ति संगठित होकर अपनी दशा और दिशा में सकारात्मक परिवर्तन करने में सक्षम है। स्वयंसिद्धा नारी को किसी भी अन्याय, कुरीतियों और जुल्म के आगे मजबूर नहीं होना होगा अगर वो एकजुट हो जाये।
अपना संबल पुरुष में ढूँढती नारी को अगर नारी से सहारा मिले तो सही मायने में अपनी आज़ादी जी पायेंगी।
सप्रेम
आपकी यशोदा

16 comments:


  1. वाह !! बहुत खूब......,अति सुन्दर !!

    ReplyDelete
  2. वाह !!! बहुत सुन्दर लाजवाब रचना

    ReplyDelete
  3. मन को छूती प्रार्थना
    सादर

    ReplyDelete
  4. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  5. आदरणीय यशोदा दीदी -- आपकी प्रार्थना बहुत हृदयस्पर्शी है | ये एक निर्मल मन के उ उद्दात भाव हैं |मुझे आप और आप जैसी कई बहने और सखियाँ इस मंच पर मिली ये उसी की कृपा का अनुपम रूप है | हार्दिक शुभकामनाये | आपकी प्रार्थना में हम सब भी शामिल हैं |

    ReplyDelete
  6. अर्चना के इन स्वरों में एक और स्वर मेरा मिला ले
    है शक्ति, इस सुषुप्त शव में तू शाश्वत शिव जिला दे

    ReplyDelete
  7. बहुत ही सुन्दर ,सार्थक प्रार्थना..
    संबल पुरुष में ढूँढती नारी को अगर नारी से सहारा मिले तो सही मायने में अपनी आज़ादी जी पायेंगी।
    वाह!!!
    अति उत्तम...

    ReplyDelete
  8. ईश्वर इस प्रार्थना को स्वीकार करे, यही दुआ है । सादर।

    ReplyDelete
  9. आदरणीय यशोदा जी ,आपकी इस सुंदर प्रार्थना में प्रार्थिनी के रूप में मैं भी शामिल हूँ ।
    सादर ।

    ReplyDelete
  10. बहुत सुंदर पाती

    ReplyDelete
  11. बहुत सुंदर पाती

    ReplyDelete
  12. वाह ! बेहतरीन आदरणीय दी
    सादर

    ReplyDelete
  13. बहुत सुंदर 👌👌

    ReplyDelete
  14. अपना संबल पुरुष में ढूँढती नारी को अगर नारी से सहारा मिले तो सही मायने में अपनी आज़ादी जी पायेंगी।
    हृदय स्पर्शी पाती ,सादर नमन

    ReplyDelete
  15. एक बार फिर से नमन !!!!!!!!!!!!

    ReplyDelete