तुम देना साथ मेरा

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Sunday, 25 October 2020

नारी की आकांक्षा


एक स्त्री के लिए
प्रेम से बढ़कर भी
कुछ हो सकता है,
तो वो है सम्मान
या रिस्पेक्ट..।

क्षणिक हो सकता है
प्रेम ..पर
सम्मान नहीं होता
क्षणिक..वो क्यों
दिखावटी हो सकता है
प्रेम....पर
सम्मान नहीं

एक दिलचस्प बात
कि ईश्वर ने स्त्री को
ऐसी शक्ति दी है
जिससे वह
पढ़ सकती है
किसी भी पुरुष के भावों को
और पुरुष द्वारा 
दिया गया
सम्मान भाव को
स्थापित कर लेती है

अपने मन में वह स्त्री
शायद इसी लिए
स्त्री से दिखावा करना
संभव नहीं..।

-मन की उपज
टिप्पणी..
नारी की अभिलाषा और कार्य क्षमता का विश्लेषण..
रचना मन में स्वतः विस्फोटित हुई

9 comments:

  1. एक स्त्री के लिए
    प्रेम से बढ़कर भी
    कुछ हो सकता है,
    तो वो है सम्मान
    या रिस्पेक्ट..। बेहतरीन सराहनीय दी यही चंद शब्द हर पुरुष को समझने चाहिए।
    सादर

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  2. बेहतरीन
    प्रभावशाली

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  3. बहुत अच्छे मनोभाव ...

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  4. शायद इसीलिए
    स्त्री से दिखावा
    करना सम्भव नहीं..!
    स्त्री मन को उद्गृत करती सटीक रचना..!

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  5. नारी की अभिलाषा कार्य क्षमता व शक्ति हर रूप में अनोखी। उसका सम्मान स्वयं भी करना आना चाहिए। सुंदर अभिव्यक्ति

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  6. एक दिलचस्प बात
    कि ईश्वर ने स्त्री को
    ऐसी शक्ति दी है
    जिससे वह
    पढ़ सकती है
    किसी भी पुरुष के भावों को
    और पुरुष द्वारा
    दिया गया
    सम्मान भाव को
    स्थापित कर लेती है
    वाह!!!
    सटीक सुन्दर एवं लाजवाब सृजन।

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  7. सही कहा यशोदा दी कि नारी को सबसे अधिक प्रिय उसका सम्मान ही है।

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