Sunday, 8 January 2012

बेगानों की बेगानी बातें..............सुनन्दा

फासले तुम जो बढ़ाने लगे,
हम खुद के करीब आने लगे.
एक पल न लगा छोड़ कर जानें में,
पास आने में तो जमाने लगे.
एक पल जिन्हें बिताने में उम्र लगी,
गुजर गए वो फसाने लगे.
हिचकी मौत की जो आने लगी,
फिर से जीने के ये बहाने लगे.
तोड़ते रहे दिल कदम-दर कदम,
मुझको वो दोस्त कुछ पुराने लगे.
मुद्दतों दिल में बसाया जिनको,
आज वो ही सबसे बेगाने लगे
------सुनन्दा

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