जब आप बीमार रहते हैं तो
बना रहता है हुजूम
तीमारदारों का
और ये..
वो ही रहते हैं
जिनकी बीमारी में...
आपने चिकित्सा व्यवस्था
करवाई थी
पर भगवान न करे...
आपकी मृत्यु हो गई
तो...वे
आपको आपके घर तक
पहुंचा भी देंगे..
और फिर...
....आपकी देह के
इर्द-गिर्द...
रिश्तेदारों का
जमावड़ा शुरु हो जाएगा...
कुछ ये जानने की
कोशिश में रहेंगे कि
हमें कुछ दे गया या नहीं....
यदि नहीं तो...
आस लग जाती है
घर के बचे लोगों से
कि निशानी को तौर पर
क्या कुछ मिलेगा..
पर डटे रहते हैं
पूरे तेरह दिन तक...
बना रहता है हुजूम
तीमारदारों का
और ये..
वो ही रहते हैं
जिनकी बीमारी में...
आपने चिकित्सा व्यवस्था
करवाई थी
पर भगवान न करे...
आपकी मृत्यु हो गई
तो...वे
आपको आपके घर तक
पहुंचा भी देंगे..
और फिर...
....आपकी देह के
इर्द-गिर्द...
रिश्तेदारों का
जमावड़ा शुरु हो जाएगा...
कुछ ये जानने की
कोशिश में रहेंगे कि
हमें कुछ दे गया या नहीं....
यदि नहीं तो...
आस लग जाती है
घर के बचे लोगों से
कि निशानी को तौर पर
क्या कुछ मिलेगा..
पर डटे रहते हैं
पूरे तेरह दिन तक...
-यशोदा-मन की उपज