तुम देना साथ मेरा

तुम देना साथ मेरा

Wednesday, 6 December 2017

कहाँ से आएगी माँ....


सोनोग्राफी क्लिनिक के अन्दर
एक महिला ने
थरथराते होठों से
एकान्त में..कहा
घर वाले मेरा ..
करवाना चाहते हैं
परीक्षण
जानना चाहते वे
लड़का है या फिर लड़की
अन्तरात्मा मेरी
धिक्कारती है मुझको
मैडम आप ही 
कोई दीजिए सुझाव
कह दीजिए आप
अगर 
आपने यह परीक्षण करवाया
तो प्रसव मैं नही करवा सकती..
हाँ,"मैडम ने कहा"
वैसे भी गलत भी 
हो जाते हैं कई टेस्ट 
सौ प्रतिशत 
कोई नहीं बता सकता
फिर मैडम ने कहा
क्यों नही चाहती आप??
क्या नहीं चाहिए बेटा??
लड़की तो हैं न एक फिर
ये खतरा क्यूँ...
वो महिला बोल पड़ी....
खतरा...
हाँ लड़की जन्मना 
खतरा ही तो है
पर,मैडम जी जब
एक माँ ऐसा सोचने लगे
तो फिर माँ कौन बनेगा
ये सृष्टि कैसे चलेगी???
-यशोदा..
मन की उपज

5 comments:

  1. बहुत सुंदर प्रश्न खडा किया है दी आपने. हर स्त्री अगर ऐसा ही सोचने लगे तो निर्पराध कलियां खिलने से पहले ही न मसल दी जायें.
    सादर

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  2. सुंदर विचारक लेखन खटखटाता हमारे कुविचारों को .....दी लिँग परीक्षण पर गहरा आघात ..वह बाह क्या बात
    पुरुषो जागो
    हनन हो रहा स्वयं तुम्हारा
    नारी के बढ़ते अभाव मै
    कहाँ बचेगा अस्तित्व तुम्हारा !

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  3. वह बाह क्या बात है.....सुन्दर

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  4. वाह बहुत खूब

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