तुम देना साथ मेरा

तुम देना साथ मेरा

Saturday 1 October 2011

तुम कह दो तो...जे.के.डागर

तुम कह दो तो दो दिन को मैं भी जीकर दिखला दूँ
जैसे पी गई मीरा प्याला, मैं भी पीकर दिखला दूँ।
तुम कह दो तो-
कैसे छलनी बना लिया है, पारस जैसा दिल तुमने
बिना सिले जो जख्म रह गए, सारे सीकर दिखला दूँ।
तुम कह दो तो-
वो क्या जिया गम-संकट से जो न दो हाथ हुआ
पंख काट दूँ बदकिस्मत के, अपने में भी कर दिखला दूँ।
सौभाग्य की मिटा लकीरें,कौन मिटा है मिटे हुए पर
नहीं हुआ है अब तक लेकिन, जी करता है कर दिखला दूँ।
तुम कह दो तो-
है ट्यूंटि टूट चुकी अश्कों की सैलाब बनी हैं ये आँखें,
डूब जाओ अब इनमें आकर, या मैं पीकर दिखला दूँ।
तुम कह दो तो-
घेर चुका है जाल मौत का, कैसे कोई बचा रहे
तुम चाहो तो मर जाऊँ, या मैं जीकर दिखला दूँ।
तुम कह दो तो दिन को मैं भी जीकर दिखला दूँ
जैसे पी गई मीरा प्याला मैं भी पीकर दिखला दूँ।
-------जे.के.डागर

No comments:

Post a Comment