तुम देना साथ मेरा

तुम देना साथ मेरा

Tuesday 7 February 2012

मील के पत्थर...............रचनाकार...नामालूम(कृपया बताएं)

ना तो मैं हताश हूँ, ना ही मैं निराश हूँ|
पर अपनी कमरफ्तारी पर, थोड़ा सा उदास हूँ||

कुछ कमी है रौशनी की अभी, रास्ते भी कुछ धुंधले से हैं|

कभी दूर हूँ मैं रास्ते से, तो कभी रास्ते के पास हूँ ||

कर रहा है प्रश्न निरंतर, ये विचारों का अस्पष्ट प्रवाह|

किसी की तलाश में हूँ मैं, या खुद किसी की तलाश हूँ ||

गतिमान है प्रबल संघर्ष, कामनाओं के ज्वार-भाटे से|
इच्छाओं पर अंकुश है मेरा, या कामनाओं का दास हूँ||

चेहरा तो एक ही है मेरा, इन्सान बहुत से हैं अंदर|
कभी कृष्ण की मुरली हूँ, कभी कंस का अट्टहास हूँ||

यूँ तो आम आदमी हूँ, इक आम जिन्दगी जीने वाला|
पर कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनके लिये मैं खास हूँ||

माना कि कदम धीमे हैं, पर सफर अभी जारी है|
इसमें कोई आश्चर्य नहीं, कि मील के पत्थर तलाश लूँ||
रचनाकार...नामालूम(कृपया बताएं)

5 comments:

  1. कर रहा है प्रश्न निरंतर, ये विचारों का अस्पष्ट प्रवाह|
    किसी की तलाश में हूँ मैं, या खुद किसी की तलाश हूँ ||

    bahut khoob avneesh singh jee.

    यशोदा जी पोस्ट के लिए शुक्रिया..आप पारखी हैं वाकई..

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  2. aek umda ghazal.sadhuwaad. pl visit my blog &comment,my blog---
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  3. आदरणीय यशोदा जी
    सादर नमस्कार
    यह गज़ल मैंने नहीं लिखी. इसलिए मेरा नाम हटाने की कृपा करें. में तो गीतकार हूँ....
    आभारी रहूँगा
    हो सके तो अपना मोबइल न. देने की कृपा करेंगी.
    सादर
    अवनीश

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    1. भाई अबनीश जी
      शुभ संध्या
      कृपया संशोधन पर निगाह डालें
      सादर
      यशोदा

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  4. कृपया गज़लकार का नाम भी दे दीजियेगा.. अच्छा रहेगा. आपकी रचना हो तो अपना नाम ही दे दीजिये, मुझे ख़ुशी होगी. साभार - अवनीश सिंह चौहान

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