राहें नई..
आयाम नया
हुई विधा नयी
पर कलम वही...
अनुभव नए
शब्द नए
दर्द भी नया
पर कलम वही...
मनन नया
चिन्तन नया
भाव नये
पर कलम वही
दवात नया
कागज नयी
सियाही नयी
पर कलम वही
डायरी नयी
कव्हर नया
पन्ना कोरा
पर कलम वही
एक स्वप्न नया
एक कवि नया
एक कविता नयी
पर कलम वही...
-यशोदा
मन की उपज
जी,नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शुक्रवार 24 नवम्बर 2017 को साझा की गई है..................http://halchalwith5links.blogspot.com पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
आपकी यह रचना अंतर्मन को छू गई
ReplyDeleteराहें नई..
ReplyDeleteआयाम नया
हुई विधा नयी
पर कलम वही...
बहुत बहुत सुंदर। गहन। गहरे निहितार्थ समेटे मोहक शैली में सार्थक रचना।
कलम वही....!!!!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
वाह!!!
ReplyDeleteएक स्वप्न नया
एक कवि नया
एक कविता नयी
पर कलम वही...बहुत खूब !!!! भावपूर्ण रचना !!!!!!!! सादर --
सादर नमस्कार !
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "साप्ताहिक मुखरित मौन में" शनिवार 29 जून 2019 को साझा की गई है......... "साप्ताहिक मुखरित मौन- आज एक ही ब्लॉग से" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
वाह ! बहुत सुन्दर
ReplyDeleteबहुत सुंदर।
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