जब आप बीमार रहते हैं तो
बना रहता है हुजूम
तीमारदारों का
और ये..
वो ही रहते हैं
जिनकी बीमारी में...
आपने चिकित्सा व्यवस्था
करवाई थी
पर भगवान न करे...
आपकी मृत्यु हो गई
तो...वे
आपको आपके घर तक
पहुंचा भी देंगे..
और फिर...
....आपकी देह के
इर्द-गिर्द...
रिश्तेदारों का
जमावड़ा शुरु हो जाएगा...
कुछ ये जानने की
कोशिश में रहेंगे कि
हमें कुछ दे गया या नहीं....
यदि नहीं तो...
आस लग जाती है
घर के बचे लोगों से
कि निशानी को तौर पर
क्या कुछ मिलेगा..
पर डटे रहते हैं
पूरे तेरह दिन तक...
बना रहता है हुजूम
तीमारदारों का
और ये..
वो ही रहते हैं
जिनकी बीमारी में...
आपने चिकित्सा व्यवस्था
करवाई थी
पर भगवान न करे...
आपकी मृत्यु हो गई
तो...वे
आपको आपके घर तक
पहुंचा भी देंगे..
और फिर...
....आपकी देह के
इर्द-गिर्द...
रिश्तेदारों का
जमावड़ा शुरु हो जाएगा...
कुछ ये जानने की
कोशिश में रहेंगे कि
हमें कुछ दे गया या नहीं....
यदि नहीं तो...
आस लग जाती है
घर के बचे लोगों से
कि निशानी को तौर पर
क्या कुछ मिलेगा..
पर डटे रहते हैं
पूरे तेरह दिन तक...
-यशोदा-मन की उपज
बहुत सुन्दर रचना दी
ReplyDeleteसत्य का हूबहू चित्रण किया आपने
वह दृश्य जैसे जिवंत होकर बोल उठा
शानदार रचना रचना
पर डटे रहते हैं
ReplyDeleteपूरे तेरह दिन तक...
आत्मा की मुक्ति के नाम पर
करने को मुक्त स्वयं को
इस भायाघात से!
कि लौट न आए कहीं दुबारा
लेने को वापस अपने असबाब
जो छूट गया है उसका यहां!
बहना आपने बहुत खूब लिखा ! उन तेरह दिनों में इंसान अपने जीवन में इसी दिन के आने कितना डरता है | आज हम उनकी जगह होते हैं तो किसी दिन लोग हमारे लिए यही प्रपंच करेगे !!!!!!!!
ReplyDeleteएकदम सटीक ...अपने लिए अपने स्वार्थ के लिए.....पूरे तेरह दिन तक क्रियाकर्म के नाम
ReplyDeleteपर प्रपंच..आज का कटु सत्य.....
वाह!!!
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (19-03-2018) को ) "भारतीय नव वर्ष नव सम्वत्सर 2075" (चर्चा अंक-2914) पर भी होगी।
ReplyDelete--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
राधा तिवारी
जी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना शुक्रवार १३ अप्रैल २०१८ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
सशक्त प्रस्तुति
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