चाहे जितना कष्ट उठा ले, अच्छाई-अच्छाई है।
खुल जाता है भेद एक दिन, सच्चाई-सच्चाई है।
होती है महसूस जरूरत, जीवन में इक साथी की,
तनहा जीवन कट नहीं सकता,तनहाई-तनहाई है।
पूरे बदन को झटका देना,हाथों को ऊपर करके,
सच पूछो तो तेरी उम्र की, अँगडा़ई-अँगडा़ई है।
भाषा अलग अलग पहनावा,अलग अलग हम रहतें हैं,
लेकिन हम सब हिन्दुस्तानी, भाई-भाई-भाई हैं।
गम़ में खुशी में एक सा रहना,जैसे एक सी रहती है;
सुख-दुख दोनों में बजती है, शहनाई-शहनाई है।
---यश चौधरीखुल जाता है भेद एक दिन, सच्चाई-सच्चाई है।
होती है महसूस जरूरत, जीवन में इक साथी की,
तनहा जीवन कट नहीं सकता,तनहाई-तनहाई है।
पूरे बदन को झटका देना,हाथों को ऊपर करके,
सच पूछो तो तेरी उम्र की, अँगडा़ई-अँगडा़ई है।
भाषा अलग अलग पहनावा,अलग अलग हम रहतें हैं,
लेकिन हम सब हिन्दुस्तानी, भाई-भाई-भाई हैं।
गम़ में खुशी में एक सा रहना,जैसे एक सी रहती है;
सुख-दुख दोनों में बजती है, शहनाई-शहनाई है।
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