तुम देना साथ मेरा

तुम देना साथ मेरा

Saturday 12 November 2011

अगर हो सके तो .......................अज्ञात

अज्ञात कवि की इस रचना को मेरी मित्र सोनू अग्रवाल ने फेसबुक में पोस्ट किया.............
अगर हो सके तो ...

मुझे अपनी आँखों मैं रखना ,,,

आँसु बन कर बह जाऊ तो ,

हाथो मैं छुपा लेना..!!

अगर हो सके तो ...

मुझे हवाओ मैं बिखेर देना ,,,

तुम्हे छू कर चला जाऊ तो ,

मुझे महसूस कर लेना..!!

अगर हो सके तो ...

मुझे एक फूल समझ लेना,,,

मुरझा भी जाऊ तो ,

किताबो मैं रख लेना..!!

अगर हो सके तो ...

मुझे अपनी खुवाहिश समझ लेना,,

अगर कभी जो मिल न पाऊ तो ,

मुझे अपनी दुआओ मैं रख लेना... !!!

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