किसी से चोट खाओगे
हमारी याद आएगी,
तलाशोगे एक कतरा प्यार का,
किसी से कह न पाओगे,
तलाशोगे मुझे फिर तुम,
दिलों की तनहाइयों में,
कभी जब तनहा बैठोगे,
हमारी याद आएगी.
लौटा हूँ बहुत मायूस होकर
मैं तेरे दर से,
कभी खामोश बैठोगे
हमारी याद आएगी
समेट लेता सारे अश्क
तेरी आँखों की कोरों से,
कभी जब अश्क देखोगे
हमारी याद आएगी...!!
रचनाकार:: अज्ञात
प्रस्तुतिकरण :: सोनू अग्रवाल
हमारी याद आएगी,
तलाशोगे एक कतरा प्यार का,
किसी से कह न पाओगे,
तलाशोगे मुझे फिर तुम,
दिलों की तनहाइयों में,
कभी जब तनहा बैठोगे,
हमारी याद आएगी.
लौटा हूँ बहुत मायूस होकर
मैं तेरे दर से,
कभी खामोश बैठोगे
हमारी याद आएगी
समेट लेता सारे अश्क
तेरी आँखों की कोरों से,
कभी जब अश्क देखोगे
हमारी याद आएगी...!!
रचनाकार:: अज्ञात
प्रस्तुतिकरण :: सोनू अग्रवाल
वाह क्या बात है , बहुत खूब
ReplyDeleteशुक्रिया अरुण भाई
Deleteये कविता किसने लिखी मालूम हो तो बताइयेगा
वाह ... बहुत खूब
ReplyDeleteधन्यवाद दीदी
ReplyDeleteकभी जब तनहा बैठोगे,
ReplyDeleteहमारी याद आएगी.
शुक्रिया भाई
ReplyDeleteबहुत खूब....
ReplyDeleteशुक्रिया भाई सुनील
Deleteसुन्दर और सार्थक सृजन, बधाई.
ReplyDeleteकृपया मेरे ब्लॉग" meri kavitayen " की नवीनतम पोस्ट पर पधारकर अपना स्नेह प्रदान करें, आभारी होऊंगा .
शुक्रिया जरूर
Deletekabhi khamosh baithoge;;
ReplyDeletekabhi kuch gungunaoge;;
main utna yaad aaunga;;
mujhe jitna bhulaoge..
bahut sundar;;;;
आभार जितेन्द्र भाई
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना ...
ReplyDeleteसमेट लेता सारे अश्क
ReplyDeleteतेरी आँखों की कोरों से,
कभी जब अश्क देखोगे
हमारी याद आएगी...!!
सुन्दर पंक्तियाँ
बहुत बढ़िया प्रस्तुति .
ReplyDelete***********************************************
ReplyDeleteधन वैभव दें लक्ष्मी , सरस्वती दें ज्ञान ।
गणपति जी संकट हरें,मिले नेह सम्मान ।।
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दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं
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अरुण कुमार निगम एवं निगम परिवार
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bahut khoob "bavon ko to pata milgya,nirakar sakar ho gya, तेरी आँखों की कोरों से,
ReplyDeleteकभी जब अश्क देखोगे
हमारी याद आएगी...!!
रचनाकार:: अज्ञात
तलाशोगे मुझे फिर तुम,
ReplyDeleteदिलों की तनहाइयों में,
कभी जब तनहा बैठोगे,
हमारी याद आएगी.
bahut shandaar rachna
कभी तन्हाइयों में यूं हमारी याद आयेगी ,
ReplyDeleteअँधेरे छा रहे होंगे ,के बिजली कौंध जायेगी ,
बढ़िया रचना जिसने एक और बढ़िया रचना की याद को ताज़ा किया .बधाई .
could not visit "HALCHAL NAI PURANI "FOR TECHNICAL REASONS ,JUST READ THE TAG NOT ENTITLED TO VISIT THIS BLOG .
लौटा हूँ बहुत मायूस होकर
ReplyDeleteमैं तेरे दर से,
कभी खामोश बैठोगे
हमारी याद आएगी
अति उत्तम !!
आशु
bahut hi khoobsurat rachna ..dil ko chu gai...saajha karne ke liye shukriya mere blog par bhi aapka swagat hai :-)
ReplyDeleteमेरा लिखा एवं गाया हुआ पहला भजन ..आपकी प्रतिक्रिया चाहती हूँ ब्लॉग पर आपका स्वागत है
Os ki boond: गिरधर से पयोधर...