रूहानी आँखे.................~अमि 'अज़ीम '
आप की अपनी कहानी आँखे है महोब्बत की जुबानी आँखे इन खिजां राहों पे भी रौशन है वो जुगनुओ सी रूहानी आँखे भीगी नजरों में आपका चहरा इक झलक की है दिवानी आँखे पलकें बोझिल , ख्वाब काँटों से है दर्दे-दिल की निशानी आँखे मत करो प्यार उलझ जाओगे सच ही कहती है सियानी आँखे
~अमि 'अज़ीम '
acchi prastuti
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