जिन्हें याद करते हैं हम बस यूँ ही सदा
उन्हें मेरी भी चाहत हो ज़रूरी तो नहीं
फ़लसफ़ा मेरी मोहब्बत का मशहूर हो जहाँ
उस महफ़िल में मेरा नाम आए ज़रूरी तो नहीं
सिर्फ़ फूल हों तेरी राह में है मेरी बस दुआ
एक सी हम दोनों की फ़रियाद हो ज़रूरी तो नहीं
तमन्ना दिल में मेरे कई ख़्वाब जगा देती है
मगर किस्मत भी साथ मेरे दे ज़रूरी तो नहीं
मुस्कुरा के भी होते हैं बयाँ हाल इस दिल के
मुझ को रोने की भी आदत हो ज़रूरी तो नहीं
उन्हें मेरी भी चाहत हो ज़रूरी तो नहीं
फ़लसफ़ा मेरी मोहब्बत का मशहूर हो जहाँ
उस महफ़िल में मेरा नाम आए ज़रूरी तो नहीं
सिर्फ़ फूल हों तेरी राह में है मेरी बस दुआ
एक सी हम दोनों की फ़रियाद हो ज़रूरी तो नहीं
तमन्ना दिल में मेरे कई ख़्वाब जगा देती है
मगर किस्मत भी साथ मेरे दे ज़रूरी तो नहीं
मुस्कुरा के भी होते हैं बयाँ हाल इस दिल के
मुझ को रोने की भी आदत हो ज़रूरी तो नहीं
---रिकी मेहरा
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