गम ए जहाँ से मुझे रूशनाज़ रहने दे
जहान भर कि ख़ुशी अपने पास रहने दे
तेरा वजूद है दरिया सिफत मगर अफ़सोस
बुझा न पायेगा तू मेरी प्यास रहने दे
जो तिश्ना लब हैं पिला तू उन्हें मय ए उल्फत
हमारे हाथ में खाली गिलास रहने दे....
नसीब है जो तेरा उसके साथ तू खुश रह
हमे इसी तरह तन्हा उदास रहने दे...........
-मुजाहिद
जहान भर कि ख़ुशी अपने पास रहने दे
तेरा वजूद है दरिया सिफत मगर अफ़सोस
बुझा न पायेगा तू मेरी प्यास रहने दे
जो तिश्ना लब हैं पिला तू उन्हें मय ए उल्फत
हमारे हाथ में खाली गिलास रहने दे....
नसीब है जो तेरा उसके साथ तू खुश रह
हमे इसी तरह तन्हा उदास रहने दे...........
-मुजाहिद
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